मनसा पुजा सम्पर्ण आज शाम को विसर्जन किया गया
Tue, 20 Aug 2024
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खुंटी मैन रोड में मनसा पुजा सम्पर्ण आज शाम को विसर्जन किया गया। विसर्जन बहुत धुमधाम से किया गया ! खुंटी उपर चौक से नीचे चौक तक भगत गंण नाचते गाते हुए विसर्जन का आनंद ले रहे है!

मनसा पूजा का गांवों में विशेष महत्व है, मां मनसा को लेकर कई मान्यताएं हैं. सांप-बिच्छू व बरसाती कीड़ों के विष से बचने के लिए मां मनसा की पूजा लोक परंपरा है. इसमें बकरा व बत्तख की बलि देने की भी परंपरा है  उनकी पूजा मुख्य रूप से बिहार , बंगाल , ओडिशा , झारखंड , असम और पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों और उत्तराखंड में की जाती है, मुख्य रूप से सांप के काटने की रोकथाम और इलाज के लिए और प्रजनन और समृद्धि के लिए भी। हिंदू धर्म में, मनसा भगवान शिव की पुत्री हैं, लेकिन एक ऋषि ने उनका पालन-पोषण किया।

भगवान शिव की तीन पुत्रियों में एक का नाम मनसा भी है. इन्हें देवी पार्वती की सौतेली पुत्री माना गया है. कार्तिकेय की तरह ही देवी पार्वती ने मनसा को भी जन्म नहीं दिया. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां मनसा का जन्म तब हुआ जब भगवान शिव का वीर्य कद्रु (सर्पों की मां) की प्रतिमा को छू गया   मनसा देवी को भगवान शिव और माता पार्वती की सबसे छोटी पुत्री माना जाता है । इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ है इस कारण इनका नाम मनसा पड़ा। महाभारत के अनुसार इनका वास्तविक नाम जरत्कारु है और इनके समान नाम वाले पति महर्षि जरत्कारु तथा पुत्र आस्तिक जी हैं।

Reporter 
Arava Kumar

 
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