डायबिटीज़ की दवा न खाएं तो क्या होगा
Wed, 04 Sep 2024
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डायबिटीज़ की दवा न खाएं तो क्या होगा? डायबिटीज़ कन्ट्रोल में न हो तो मेरा क्या बिगड़ जाhuiएगा? ऐसे सभी सवालों के जबाव लिए इस लेख को पढ़ना जरूरी है।
डायबिटीज़ के कन्ट्रोल न रहने पर रक्त में शक्कर की मात्रा बढ जाती है जिससे पेट पानी को अस्वीकार करने लगता है। फलत: मुंह सूखने लगता है और प्यास लगने लगती है।इस कारण चक्कर और कमजोरी महसूस होता है।
एक दूसरी जानलेवा समस्या का जन्म होता है जिसे केटो एसिडोसिस कहते हैं। शरीर इन्सुलिन के अभाव मे भोजन से मिले ताकत (ग्लुकोज़) का प्रयोग नहीं कर पाता है।फलत पेट पर जमे चर्बी को तोड़कर कर उर्जा में बदलने लगता है।इससे खून में किटोनस बनने लगते हैं।यह खून को अम्लीए बनाने लगता है। खट्टे डकार ,उल्टी और पेट में की समस्या आने लगती है।
डायबिटीज़ कन्ट्रोल नहीं रहने पर अधिक भूख लगती है (पोलीफेजिया)। अधिक खाने से मोटापा बढता है। चूंकि शरीर मेंइन्सुलिन कम बन रहा होता है इसलिए भोजन से मिले शुगर ताकत में परिवर्तित हो नहीं पाता।जिसके कारण मरीज मोटा होकर भी कमजोरऔर हमेशा भूख महसूस करता रहता है।
डायबिटीज़ में मोटापा घटने और सर्ट- पैन्ट ढीले होने के पीछे शुगर का अनियंत्रित होना होता है।शुगर अधिक का मतलब इन्सुलिन का कम होना है। इन्सुलिन के कमी से भोजन उर्जा में नहीं बदल पाता।दैनिक काम के लिए पेट के उपर की चर्बी को तोड़कर शरीर उर्जा प्राप्त करने लगता है। चर्बी गलते ही कुछेक वर्षो में आदमी नरकंकाल जैसा दिखने लगता है।
डायबिटीज़ अनियंत्रित रहने पर हाथ के उंगलियो, पैर और तलवों के नर्व खराब होने लगते हैं जिससे यहां सूई जैसी चुभन और बिजली के झटके जैसा करंट महसूस होता है।पैर भर्राने और सुन्न पड़ने लगता है ।
ब्लड प्रेशर का अधिक रहना अनियंत्रित डायबिटीज़ की पहचान है।बाद में मरीज चेस्ट पेन और हृदय रोग का भी शिकार हो जाता है।पैरों मे घाव और जनन अंगों पर फंगल इनफैक्शन होना भी अधिक शुगर रहने का पहचान है।
शुगर अधिक होने पर बार बार पेशाब होता है।ऐसा किडनी द्धारा फालतू शुगर को पेशाब के साथ बाहर फेंकने के कारण होता है अधिक पेशाब आना अनियंत्रित शुगर की पहचान है।
DR. S Kumar...........

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