महिलाओ को एक शारीरिक परिवर्तन से गुजरना होता है जिसे मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहा जाता है
Wed, 04 Sep 2024
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४६ से ५१वर्ष के बीच हर महिलाओ को एक शारीरिक परिवर्तन से गुजरना होता है जिसे मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहा जाता है।महिलाओं को मेनोपॉज के बाद होने वाली हर समस्याओं का ईलाज उपलब्ध है।
शरीर में गर्माहट महसूस होना( हॉटफ़्लैश) पहला लक्षण है।अधिक पसीने से कपड़े गिले हो जाते हैं। समय बीतते हॉटफ़्लैश खुद ही ठीक हो जाती है।
मूत्राशय पर नियंत्रण खो देना मेनोपॉज का दूसरा लक्षण है।पेशाब की थैली पूरी तरह भरने से पहले ही महिलाओं को तेज से पेशाब आने लगता है। पेशाब का आवेग इतना तेज होता है कि कई बार कपड़े में ही पेशाब हो जाता है। दवाओं से कुछेक दिन में यह ठीक हो जाता है।
मेनोपॉज में एस्ट्रोजेन हार्मोन की कमी होने से बार बार पेशाब में इनफैक्शन(यूरिन इनफैक्शन) होता है। बुखार, सरदर्द और पेशाब करते समय जलन ऐसे इनफैक्शन की पहचान है जिसे एंटीबायोटिक से पूरी तरह ठीक किया जाता है
मेनोपॉज के बाद महिलाएं आमतौर पर चिड़चिड़ेपन की शिकार हो जाती है।छोटी सी बात पर उत्तेजित हो जाना ,जोर जोर से बोलना और खराब मूड में आकर अन्त में महिलाएं डिप्रेशन में आ जाती है। दवाओं से बार बार आने वाले अवसाद और उत्तेजना को ठीक किया जा सकता है
आर्थराइटिस मेनोपॉज की बड़ी समस्या है जिसमें घुटने के दो हड्डियों के बीच की गद्दी समय से पहले घीस जाती है।चलने पर घुटने में तेज दर्द होता है।इसी तरह ओस्टियो पोरोसिस हड्डियों के खोखले होने की समस्या है जो मेनोपॉज में प्रायः होता है।ऐसी महिलाओं को अपने कैल्सियम और विटामिन डी की जांच करवाते रहना चाहिए।इस उम्र में बाल का तेजी से टूटना और बालों का रुखापन किसी और कारण से नहीं बल्कि एस्ट्रोजेन हार्मोन की कमी के कारण होता है। होता है।
यह सच है कि मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इलाज की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए किन्तु कुछेक महिलाओं में यह बहुत तीव्र होता है। इन्हें एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टिन के टेबलेट, पैच या इंजेक्शन देकर समस्याओं से मुक्ति दी जाती है
Dr. S Kumar........

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