बेटी का ससुराल
Tue, 20 Aug 2024
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लैखक :- डॉ. एस कुमार ━━━━━━━━━━━━━━━━━"अरे! बेटा तू... फोन भी नहीं किया कि आ रही है !" बेटी रीना को सामने खड़ी देख कर रमा कुछ चौक गई, मन थोड़ा सशंकित हुआ, बेटी का ससुराल यही शहर में है शादी के बाद का पहला वेलेंटाइन, इत्तेफाक से रविवार , रमा ने आज यही सोचा था कि रात को ही फोन करती हूँ दोनों आज इंजॉय करने के मूड में होंगे..... पर बेटी तो अकेली दरवाजे खड़ी है।"अंदर आओ बेटा....।" रमा एक तरफ हटते हुये बोली।"रीना सर झुकाए आकर सोफे पर बड़े बेमन से बैठ गई। " माँ आज भी रवि गाँव चले गये...माना कि हर रविवार को वहाँ जाते हैं माना कि उनकी माँ हैं वहाँ...पर क्या आज शादी के पहले वैलेंटाइन पर .... मेरी कोई वैल्यू नहीं माँ...।"रीना की आंखों से आँसुओं की झड़ी लग गई।"अरे पागल, इतनी सी बात... मुझे तो लगा मालूम नहीं क्या हो गया है।""माँ.. आज तो सुबह मुझे सोया हुआ ही छोड़ कर चले गए, दिल अंदर से टूट गया है ... जब सारा प्यार माँ पर ही उड़ेलना था तो मुझसे क्यों शादी की... सिर्फ खाना बनवाने के लिए ?" रीना हिचकियाँ लेकर रो रही थी।
लैखक :- डॉ. एस कुमार