सांस फूलना
Mon, 26 Aug 2024
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Dr.S Kumar......................
छाती मे दर्द,सीढी चढने पर सांस फूलना और बीपी तथा धड़कन का कन्ट्रोल न होना हृदय रोग के कुछेक प्रारम्भिक पहचान है।हृदय रोग का ईलाज में जांच जरूरी होता है।

सबसे पहले बीपी और कोलोसट्रोल की जांच की जाती है। एल डी एल 70 से कितना अधिक है।देखा जाता है। इसके बाद ईसीजी मशीन से जांच की जाती है।

हर्ट मे खून का प्रवाह मे गड़बड़ी,वाल्व की स्थिति समझने के लिए कम्प्यूटर संचालित इको कारडियोग्राफी से जानकारी इकट्ठी की जाती है।कुछेक बार मरीज को कोई लक्षण नही होते किन्तु डाक्टर को गम्भीर लगता है।ऐसे एसिमटो मेटिक हालत में भी जांच जरूरी होता है

एनजियोग्राफी हर्ट की बिमारी की अंतिम जांच है।उपर के सभी जांच जब ब्लाकेज की तरफ इशारा करने लगते हैं तभी एनजियोग्राफी से चेक किया जाता है।यदि किसी नली(धमनी) में 90% या अधिक रुकावट(ब्लाकेज) दिखती है तोआपरेशन प्रकिया से मरीज के हृदय में स्प्रिंग जैसा एक
ठोस पदार्थ का स्टंट लगा दिया जाता है।इसे एंजियोप्लास्टी कहते है

खून के प्रवाह के दौरान एंजियोप्लास्टी फैल कर धमनी को फैला देता है ।जब खून हृदय में वापिस लौटती है तो स्टंट सिकुड़ कर नली सिकुड़ा देता है।इस तरह हर्ट में खून का प्रवाह नार्मल हो जाता है।

एक स्थान पर कई धमनियो में ब्लाकेज होने पर इन नलियों के गुच्छो को यूं ही छोड़ दिया जाता है और खून के प्रवाह के लिए एक नया मार्ग (बायपास) बना दिया जाता है।इसे बायपास सर्जरी कहते है

Dr.S Kumar

 
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