सड़क दुर्घटनाएँ और खेल के मैदान में गिरने के बाद प्रायः
Wed, 04 Sep 2024
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सड़क दुर्घटनाएँ और खेल के मैदान में गिरने के बाद प्रायः बांह और हाथों की हड्डियों में फ्रैक्चर हो जाता है। आज हाथों के फ्रैक्चर के विभिन्न रूप पर चर्चा करेंगे। हाथों के फ्रैक्चर की पहचान हाथो का हिलना-डुलना बन्द होना और सूजन तथा टेढ़ापन है। टुटे हिस्से को दबाने पर जोर का दर्द होता है।

एक्सिडेंट में बाँह के फ्रैक्चर मे खून की धमनी और तंत्रिका को भी कई बार नुकसान पहुंचता है। ऐसे में हड्डी रोग विशेषज्ञ को हड्डियों के अलावा धमनियों और तंत्रिका का उपचार करना होता है। हाथ के फ्रैक्चर में टुटे हिस्सों को सही सीध में बिठाने के बाद ही प्लास्टर किया जाता है।

हाथ के हड्डियों के ज्यादा बिखर जाने पर
आर्थोस्कोपी मशीन के द्वारा टुटे हड्डियों का प्लेटिग विधि से जोड़ा जाता है। जिस तरह दो लकड़ियों को एक पट्टी रखकर स्क्रू के सहारे जोड़ा जाता है वैसे ही हड्डियों को स्टिल या टाइटेनियम धातु के प्लेट के सहारे जोड़ा जाता है।

उंगलियों और केहुनी के नजदिक वाले फ्रैक्चर का इलाज बिलकुल अलग होता है। उंगलियों और जोड़ों के पास प्लास्टर नहीं लगाया जाता है क्योंकि हड्डियों के जुड जाने के बाद मुड़ने में दिक्कत आती है। यहां प्लास्टर लगा देने से आंशिक अपंगता भी आ सकती है। जोड़ों के पास के फ्रैक्चर को वायरिंग या तार के सहारे जोड़ा जाता है। हड्डियों के जुड़ जाने के बाद वायर को शरीर से बाहर निकाल लिया जाता है।

DR.S.KUMAR......

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