प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि झारखंड के तीन सबसे बड़े दुश्मन
Mon, 16 Sep 2024
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"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जमशेदपुर पहुंचे। उन्होंने बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में जनता को संबोधित किया। मोबाइल टॉर्च जलाकर प्रधानमंत्री का लोगों ने स्वागत किया। 

पीएम मोदी ने कहा कि झारखंड के तीन सबसे बड़े दुश्मन हैं। झारखंड के दुश्मनों को पहचानिए। झारखंड के तीन दुश्मन - जेएमएम, आरजेडी और कांग्रेस, झारखंड के निर्माण का बदला आज भी आरजेडी झारखंड से उतारती है।कांग्रेस को झारखंड से नफरत है। कांग्रेस ने कितने दशक दिल्ली में बैठकर राज किया। इऩ्होंने दलित पिछड़ा आदिवासी समाज को आगे नहीं बढ़ने दिया।जेएमएम किसके साथ खड़े हैं। ये लोग आदिवासियों के जंगल, जमीन पर कब्जा करने वालों के साथ हैं। झारखंड के बहुत बड़ा मुद्दा घुसपैठ, हर झारखंडी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। झारखंड हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दिया है।जेएमएम सरकार मानने के लिए तैयार नहीं है कि झारखंड में घुसपैठ हो रहा है। आज संताल परगना और कोल्हान में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ बहुत बड़ा खतरा। यहां की पहचान और डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है।

पीएम ने कहा कि संताल परगना में आदिवासियों की आबादी तेजी से कम हो रही है। यहां के लोगों की जमीनें हड़पी जा रही है। घुसपैठिए पंचायतों पर कब्जा कर रहे हैं। बेटियों के साथ अत्याचार की वारदात बढ़ रही है। झारखंड के शहर या गांव हो, इस घुसपैठ के कारण आज झारखंडी असुरक्षित महूसस कर रहा है।सच्चाई यह है कि जेएमएम के लोग बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के साथ खड़े हैं। ये घुसपैठिए और कट्टरपंथी जेएमएम को भी अपने कब्जे में लेते जा रहे हैं। इनके लोग झारखंड मुक्ति मोर्चा के भीतर भी घुस गए हैं। जेएमएम में कांग्रेस का भूत घुस गया है।जब किसी पार्टी में कांग्रेस का भूत घुस जाता है तो तुष्टीकऱण ही उस दल का इकलौता एजेंडा बन जाता है। सबसे पहले ये लोग दलित, आदिवासी, पिछडा समाज के हितों की बलि चढ़ाते हैं। यही हाल जेएमएम का भी हो रहा है। जेएमएम और कांग्रेस जैसे दलों को आपका वोट नहीं चाहिए। ये दल मजहब के नाम पर अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं। यही समय है, हमें इस खतरें को यही पर रोकना होगा। झारखंड के हर नागरिक को एकजुट होना होगा। भाजपा को मजबूत करना होगा। वोट बैंक की फंडिंग करने वाले लोग किसी के भी सगे नहीं होते।जेएमएम सरकार के पांच साल का कार्यकाल इसका सबूत है। वोट लेने के लिए ये लोग आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते हैं। लेकिन जेएमएम के लिए आदिवासी समाज के लिए सम्मान नहीं। अपना सियासी फायदा उपर है। गरीब आदिवासी पूछ रहा है कि चंपई सोरेन आदिवासी नहीं थे क्या।क्या वो एक गरीब परिवार से नहीं आते थे। जिस तरह उन्हें अपमानित किया गया, जिस तरह मुख्यमंत्री कुर्सी कब्जा करने के लिए हटाया गया, उससे झारखंड के हर गरीब आदिवासी का दिल गहरी चोट पहुंची है, दुख से भरा हुआ है।

By News India




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